कहीं तो ये बादल तूफान बन बरसते हैं,
कहीं कुछ लोग, बारिश की इक बूंद को तरसते हैं….
कभी बडी रफ्तार से, निकल जाती है ये जिन्दगी, कभी,
आडे-तेडे, नुकीले किसी मोड़ पर आकर, अटक जाते कुछ रस्ते हैं….
लगता है अनमोल, शायद, वही जिसे मुमकिन नहीं है पाना,
आसानी से जो हो जाते हैं हासिल, वो ख्वाब भी तो लगते हमें सस्ते हैं ।।।
👌🏻✅👏🏻👏🏻👏🏻
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उम्दा लेखन।👌👌
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शुक्रिया 🙏🏽
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बेहतरीन 👌👌
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